~~पर्म पिता 'परमात्मा' ~~
सिवा उसके न कोई ठिकाना
मक्सद जीवन का उसे पाना
है पर्म पिता 'परमात्मा' जिसका नाम
मुझे गुनाहों से बचाना
अपनी आँखों पे बिठाना
बस यही है उसका काम
मेरे दु:ख सुख का साथी वो
हर राह में मेरा हमराही वो
चलना है अब करके
उसपे ही विश्वास
क्योंकि है एक वोही मेरी ऊमीद
और वोही मेरी आस...!!
SoniA#
सिवा उसके न कोई ठिकाना
मक्सद जीवन का उसे पाना
है पर्म पिता 'परमात्मा' जिसका नाम
मुझे गुनाहों से बचाना
अपनी आँखों पे बिठाना
बस यही है उसका काम
मेरे दु:ख सुख का साथी वो
हर राह में मेरा हमराही वो
चलना है अब करके
उसपे ही विश्वास
क्योंकि है एक वोही मेरी ऊमीद
और वोही मेरी आस...!!
SoniA#
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