SONIA WRITING ZONE
I write what i think
Thursday, 28 September 2017
डर है मुझे
मन में सिमटे से हैं कुछ ख्वाब
डर है मुझे कहीं कोई बवाल न लिख दूँ
व्यवहार कुछ बदला हुआ है मेरा
डर है मुझे कहीं कोई बिखरा ख्याल न लिख दूँ
खामोश थी मैं काफी वकत से
डर है कहीं आज किसी पे कोई इल्ज़ाम न लिख दूँ
2 comments:
Unknown
said...
Nice
6 July 2022 at 16:20
Unknown
said...
Nice
6 July 2022 at 16:20
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Nice
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