Thursday 28 September 2017

INSANIYAT


बहते देख आँसू किसी ओर की आँख में
क्यों मेरी भी आँख सी भर आती है
लगता है कि आँसू गवाह हैं
कि मुझ में अभी इनसानियत बाकी है

बहुत गरूर होता होगा उनमें
जिन्हें दूसरों के दरद से दरद नही होती
सोचती हूँ कभी कभी कि काश
मेरा दिल भी उनके जैसा होता

पर फिर अवाज़ आती है दिल से
कि अगर मैं भी उनके जैसा होता
तो आज तेरा एक भी आँसू
इनसानियत की गवाही न दे रहा होता..

1 comment:

Unknown said...

very nilce lines..heartfelt