SONIA WRITING ZONE
I write what i think
Friday, 30 March 2018
इतना काफ़ी है
दिखने में बेरूखी होगी मेरी सूरत पे
पर अन्दर से मन बड़ा जज़बाती है
कोई मेरे लिए दुआ करे न करे
मगर मेरी दुआएं सब के साथ ही हैं
ख्वाहिश नही मुझे किसी के साथ की
बस एक रब्ब साथ देदे, इतना काफ़ी है
SoniA#
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