क्यों उनही लोगों को
मेरी कोई परवाह नही,
मुझे चाहिए! तो बस अपनों का साथ
बिना मतलब, बिन माँगी
किसी की सलाह नही,
ग़ैरों पर भरोसा मैं कैसे कर लूं
मेरे पास तो खुद पर भी
यकीं करने की कोई वजह नही
खुली आँखो से बहते हैं सपने
जानती हु ऐसे सपनों की
कोई मंज़िल नही, कोई राह नही !!
SoniA#
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