Friday, 30 March 2018

रे मन! तेरी वजह से

रे मन ! न जाने कितनों को
दुख मिला होगा तेरी वजह से
कितनों का दिल दुखा होगा
तेरी एक खता से
अच्छे से वाकिफ़ तो तू होगा
ऊपर वाले की सज़ा से
फिर सुधर जा अब और कर ले
कोई अच्छा क्रम उसकी रज़ा से
                               SoniA#      

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