ऐ मेरे भीतर के इन्साँ मत कर तु
तेरे तन पे इतना गुमाँ
यह तन तो बस मिट्टी का खिलौना है
आए गा एक दिन ऐसा
जब यह खिलौना टूट जाएगा
बन कर उस दिन राख
तु मिट्टी में मिल जाएगा
याद रखेंगे लोग तुझे
बस कुछ पल के लिए
फिर ऐसा दिन भी आएगा
जब तू किसी को न याद आएगा
क्या करेगा इतना घमंड रखके
जब तेरा वजूद ही मिट जाएगा
बहतर है कि कुछ अच्छा कर्म कर
भले तु चला भी जाए
पर तेरा कर्म सब को याद रह जाएगा
कभी सोचना भी मत
किसी का बुरा करने के बारे में
क्योंकि तु जैसा बोएगा वैसा ही फल पाएगा
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