Monday 13 November 2017

ज़िन्दगी का जवाब

पूछा एक सवाल मैने ज़िन्दगी से 
क्यों मुझसे इतनी नफरत है तुझे 
ज़िन्दगी ने भी हस कर जवाब दिया मुझे 
नफरत तुझ से नही तेरे वक्त से है 
नाराज़गी तुझसे नही तेरे अन्दर के शख्स से है 
जो मुझे जीना तो चाहता है मगर जीता नही
मैं एक मीठा ज़हर हु जो वो पीता नही
फटे है जो पन्ने मेरी किताब के
उन्हे फिर से सीना सीखो
सबसे नायाब तोहफा हु मै का 
मुझे खुल कर जीना सीखो

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