दिल तो मेरा कहने को बच्चा है
पर इसमें छिपा हर राज़ सच्चा है
छोड़ो बात दिमाग की
जो अभी अकल का कच्चा है
जिसे हर चीज़,
हर इनसान ही लगता अच्छा है
खाब तो मेरे काबु में नहीं
पर चंद एहसास हैं
जिन्हें मैने बड़ी शिद्दत से
सम्भाल कर रखा है
यह ऊपर वाले का कर्म है
कि मन के हाव भाव थोड़े से नर्म हैं
तभी तो ज़माने की बातों से
मेरा हर ख्याल अभी तक बचा है
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