Tuesday 7 November 2017

चंद एहसास


 दिल तो मेरा कहने को बच्चा है 
पर इसमें छिपा हर राज़ सच्चा है 
छोड़ो बात दिमाग की 
जो अभी अकल का कच्चा है 
जिसे हर चीज़, 
हर इनसान ही लगता अच्छा है 
खाब तो मेरे काबु में नहीं 
पर चंद एहसास हैं 
जिन्हें मैने बड़ी शिद्दत से 
सम्भाल कर रखा है 
यह ऊपर वाले का कर्म है 
कि मन के हाव भाव थोड़े से नर्म हैं 
तभी तो ज़माने की बातों से
मेरा हर ख्याल अभी तक  बचा है

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