SONIA WRITING ZONE
I write what i think
Wednesday, 4 April 2018
शुकरिया
शुकरिया उनका भी जो अब भी साथ हैं
जो चले गए छोड़ कर
उनका भी धन्यवाद है,
अकेले चलना भी तो तभी आता है
जब साथ चलने वाला हमें
पिछे भूल आता है,
ग़म नही हमें कि हम अकेले क्यों हैं
बलकि खुश हैं जो ऐसी चुनोतियों से
हम आज रूबरू हैं........
SoniA#
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