SONIA WRITING ZONE
I write what i think
Tuesday, 17 October 2017
नई बहार आने को है
हरा भरा है आज दिल का आँगन
लगता है कोई नई बहार आने को है
आसमाँ भी है आज खिला खिला
लगता है हसी का बादल छाने को है
आँखो में खुशी की है चमक
लगता है ग़म का अँधेरा जाने को है
बहुत रूला लिया लोगों ने मुझे
बस अब खुशी के पल आने को हैं
चलो माना की यह सब बातें ही हैं
लेकिन ऐसी बातें बनाने के बहाने तो
हैं
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