मैं किसी का दिल दुखाऊँ
किसी को नुकसान पहुचाऊँ
एसी मेरी आदत नही
बेवजह औरों की तरह
मैं भी मुँह फेर जाऊँ
तो मेरे लिए
इस से बड़ी कोई लाहनत नही
लाख बुरा कर जाए
चाहे कोई मेरे साथ
मगर मैं उनका बुरा चाहूँ
ऐसी मेरी कोई साजिश नही
दूसरों की तकलीफ समझ कर
नासमझी का ढोंग रचाऊँ
ऐसा मेरे दिल को वाजिब नहीं
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WORDS OF SELF TRUST
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