अगर कोई युन्ही गिर जाए तो उठा भी लें
मगर जब कोई नज़रों से ही गिर जाए
तो क्या कर सकते हैं
सुनाने को तो हज़ार गिले
दबा कर रखे हैं दिल में
मगर जब कोई सुनना ही न चाहे
तो क्या कह सकते हैं
साथ देने वाले का साथ
हम उमर भर निभाएंगे
मगर जब वो खुद ही पिछे हट जाए
तो क्या कर सकते हैं
माना अभी कम है अनुभव मुझे लोगों को समझने का
मगर जब न चाहते हुए ही
अनुभव आ जाए
तो क्या कर सकते हैं
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